Khatu Shyam Mandir राजस्थान: जानिए इसका इतिहास, नियर रेलवे स्टेशन, राजस्थान से दूरी, होटल, मंदिर की टाइमिंग और मंदिर कब खुलेगा यह सब कुछ एक ही ब्लॉग में।

खाटू श्याम मंदिर भारत में, भगवान श्रीकृष्ण के मंदिरों में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध मंदिरो में से एक हैं।
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प्रस्तावना (Introduction):

खाटू श्याम मंदिर भारत में, भगवान श्रीकृष्ण के मंदिरों में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध मंदिरो में से एक हैं।

यह मंदिर भगवान कृष्ण के एक अवतार, खाटू श्याम जी (Khatu Shyam Ji) को समर्पित है। 

khatu shyam ji ki photo
khatu shyam ji ki photo

खाटू श्याम मंदिर भारत के राजस्थान राज्य के सीकर जिले से लगभग 65 किलो मीटर की दूरी पर एक छोटे से गांव का प्रसिद्ध हिंदू मंदिर हैं।

प्रत्येक वर्ष इस मंदिर में करीब 90 लाख से अधिक भक्त खाटू श्याम के दर्शन करने के लिए आते हैं।

हिन्दू धर्म में खाटू श्याम को कलियुग में श्री कृष्ण का अवतार माना जाता है। आप इस लेख के जरिए खाटू श्याम जी के बारे में की कुछ दिलचस्प बाते जानेंगे।

इस 2 मिनट के ब्लॉग में, आइए इस पवित्र पूजा स्थल के दिलचस्प इतिहास में खुद को डुबो दें।

सबसे पुराना और भव्य मंदिर: Khatu Shyam Mandir Kahan Hai?

सीकर जी

श्री खाटू श्याम जी का सबसे पुराना और भव्य मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में है,

जहां पर उन्हें बाबा श्याम कहते हैं. इस मंदिर में भक्तों की लंबी लाइन लगती है, फाल्गुन मास में मेला भी लगता है।

इस मंदिर को सीकर जी का मंदिर भी कहते हैं।

खाटू श्याम मंदिर का इतिहास (History of Khatu Shyam Mandir)

हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार, Khatu Shyam ji Ka मंदिर महाभारत से जुड़ा है,

Khatu Shyam Mandir की कहानी महाभारत के सदियों पुराने हिंदू महाकाव्य से आती है।

महाभारत के पांचो पांडव में से एक, भीम के परपोते वीर बर्बरीक को भगवान कृष्ण का बहुत बड़ा भक्त माना जाता है।

उन्होंने श्रीकृष्ण के प्रति अपने प्रेम के प्रतीक के रूप में अपना सिर बलिदान कर दिया था।

खाटू श्याम मंदिर का इतिहास प्राचीन पौराणिक कथाओं और लोककथाओं में गहरी जड़ें है।

ऐसा कहा जाता है कि कलयुग की शुरुआत में राजस्थान के खाटू गांव में उनका सिर मिला था।

कहते हैं ये अद्भुत घटना तब घटी जब वहां खड़ी गाय के थन से अपने आप दूध बहने लगा था।

इस चमत्कारिक घटना को जब खोदा गया तो यहां खाटू श्याम जी का सिर मिला।

इसी बीच क्षेत्र के तत्कालीन शासक रूप सिंह को मंदिर बनवाने का सपना आया। 

इस प्रकार रूप सिंह चौहान के कहने पर इस जगह पर मंदिर निर्माण शुरू किया गया और खाटूश्याम की मूर्ति स्थापित की गई।

यह मंदिर महत्वपूर्ण है और देश के विभिन्न हिस्सों से भक्तों को आकर्षित करता है। 

बर्बरीक खाटू श्याम कैसे बने?

बारबरिक, जिन्हें खाटूश्याम या खाटू नरेश के रूप में जाना जाता है, भीम के पोते थे, 

मान्यता है कि बारबरिक को भगवान शिव ने वरदान दिया था और उन्हें असाधारण शक्तियां प्राप्त थीं l 

आज भी, बर्बरीक की गिनती पुरे दुनिया में श्रेष्ठ धनुर्धरों में की जाती है l

कुरुक्षेत्र युद्ध के दौरान, भगवान श्री कृष्ण ने बर्बरिक की भक्ति और समर्पण की परीछा ली। 

और भगवान श्री कृष्ण ने बर्बरीक को कुछ मांगने को कहा,

तो बर्बरीक ने श्री कृष्ण से उनका सांवला रंग मांगा। 

बर्बरीक के इस निस्वार्थ बलिदान को देखकर श्री कृष्ण बोले "कि मेरा सांवला रंग तुम्हारा हुआ बर्बरीक साथ ही मेरी सभी सोलह कलाएं तुम्हारे शीश में समाहित होंगी l

तुम्हारी पूजा मेरे श्याम नाम से की जाएगी और तुम मेरे ही प्रतिरूप बनकर पूजे जाओगे जो भक्त तुम्हारे दरबार में आएगा दुनिया में कोई ताकत उसे दुबारा हरा नहीं सकेगी

और उनकी मनोकामनाएं भी पूरी होंगी।"

मंदिर की महत्त्वपूर्ण विशेषताएं

खाटू श्याम मंदिर एक प्रमुख हिन्दू धार्मिक स्थल है और इसकी कई महत्त्वपूर्ण विशेषताएं हैं। इस मंदिर को अन्य मंदिरों से अलग बनाते हैं।

चलिए इसकी महत्त्वपूर्ण विशेषताओं को जानते हैं।

ऐतिहासिक महत्त्व: खाटू श्याम मंदिर महाभारत काल से जुड़ा हुआ है।

इसके ऐतिहासिक महत्त्व को लेकर कई पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं।

khatu shyam mandir image
khatu shyam mandir image

भक्तों का परमप्रिय स्थान: यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। भक्तों की अटूट श्रद्धा और विश्वास के कारण, यहां हर साल लाखों भक्त आते हैं।

श्याम भगवान की मूर्ति: मंदिर में खाटू नरेश या खाटूश्याम की मूर्ति स्थापित है। यह मूर्ति श्याम भगवान को प्रतिष्ठित करती है और उनकी अद्भुतता का प्रतीक है।

पूजा और आराधना का केंद्र: खाटू श्याम मंदिर श्रीकृष्ण के आदर्श सेवक खाटूश्याम को समर्पित है। यहां परंपरागत रूप से श्याम भगवान की पूजा और आराधना की जाती है। 

भक्तों का तीर्थ स्थल: Khatu Shyam Mandir भक्तों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। यहां की धार्मिक और आध्यात्मिक माहौल श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।

वास्तुशास्त्र का अनोखा नमूना: खाटू श्याम मंदिर वास्तुशास्त्र के अनुसार निर्मित हुआ है। इसका वास्तुकला में महत्वपूर्ण महत्त्व है, जिसे समाधान और संतुलन के लिए स्थापित किया गया है।

धार्मिक महोत्सवों का केंद्र: Khatu Shyam Mandir (खाटू श्याम मंदिर) विभिन्न धार्मिक महोत्सवों का आयोजन करने के लिए जाना जाता है। 

यहां श्रीकृष्ण की जन्मजयंती, जनमाष्टमी, होली और अन्य महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं और लाखों श्रद्धालु इन महोत्सवों में भाग लेते हैं।

सुंदर शिल्पकला का कारिगर: खाटू श्याम मंदिर को उत्कृष्ट शिल्पकला का प्रतीक माना जाता है। मंदिर की दीवारों पर चित्रित आदर्श

और अनोखा कला कार्य आकर्षक होते हैं, जिन्हें देखकर श्रद्धालु को आनंद का अनुभव होता है।

राजस्थान के सीकर में मौजूद खाटू श्याम का मंदिर, भगवान श्री कृष्ण के मंदिरों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है।

खाटू श्याम मंदिर नियर रेलवे स्टेशन (khatu shyam mandir near railway station)

Ringas junction railway station (रींगस जंक्शन रेलवे स्टेशन): खाटू श्याम जी पहुंचने के लिए सबसे पास का रेलवे स्टेशन है। जहां से बाबा के मंदिर की दूरी लगभग 18.5 किमी है।

Ringas junction railway station से मंदिर तक पहुंचने में लगभग से 35 से 40 मिनट का समय लगेगा।

और अगर आप फ्लाइट से जा रहे हैं, तो जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट सबसे नजदीकी एयरपोर्ट आपको पड़ेगा।

दर्शन का समय: khatu shyam mandir aarti time

दर्शन का समय: मंदिर दर्शन का समय सुबह से शुरू होता है और शाम तक चलता है। श्रद्धालुओं को अपनी सुविधा के अनुसार इस समय मंदिर में दर्शन करने का अवसर मिलता है।

आरतीशीतकालीन समयग्रीष्मकालीन समय
मंगला आरतीप्रातः 5:30 बजेप्रातः 4:30 बजे
श्रृंगार आरतीप्रातः 8:00 बजेप्रातः 7:00 बजे
भोग आरतीदोपहर: 12:30 बजेदोपहर: 12:30 बजे
संध्या आरतीशाम: 6:30 बजेशाम: 7:30 बजे
शयन आरतीरात्रि: 9:00 बजेरात्रि: 10:00 बजे
khatu shyam ji sikar rajasthan: khatu shyam mandir timing

खाटू श्याम मंदिर कब खुलेगा? (khatu shyam mandir kab khulega)

श्री श्‍याम मंदिर खाटूश्‍यामजी के पट 6 फरवरी 2023 से खुल गए है।

आपको बता दे, नए नियम के तहत अब बाबा के दर्शन करने के लिए ऑनलाइन बुकिंग कराना जरूरी होगा।

क्योंकि पहले से बुकिंग करने वाले भक्तों को ही मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी।

और दर्शन के लिए अब केवल 4 मीनट ही मिलेंगे।

source of image: khatooshyamji.com

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श्रद्धालुओं के लिए साधनाएं और सुविधाएं

खाटू श्याम मंदिर श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न साधनाएं और सुविधाएं प्रदान करता है। इस धार्मिक स्थल की महानता को

और आसान बनाने के लिए निम्नलिखित सुविधाएं उपलब्ध हैं।

पूजा और आराधना की सुविधा: मंदिर में श्रद्धालुओं को पूजा और आराधना की सुविधा प्रदान की जाती है। वे अपने आस्था के अनुसार भगवान की पूजा कर सकते हैं

और अपनी मनोकामनाएं मांग सकते हैं।

भोजन की व्यवस्था: मंदिर परिसर में भोजन की व्यवस्था भी होती है। यहां श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में अन्न और पानी प्रदान किया जाता है।

धार्मिक सामग्री की व्यवस्था: मंदिर के आसपास धार्मिक सामग्री खरीदने की व्यवस्था होती है। यहां श्रद्धालुओं को पुस्तकें, पूजा सामग्री, धूप, दीपक और अन्य धार्मिक वस्त्र मिलते हैं।

विश्राम और आराम की सुविधा: मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए आराम करने के लिए विश्राम और बैठने की सुविधाएं हैं। वे यहां ध्यान और मनन के लिए शांति प्राप्त कर सकते हैं।

यात्रा की सुविधा: खाटू श्याम मंदिर यात्रियों के लिए सुविधाजनक स्थान पर स्थित है। यहां पार्किंग की व्यवस्था और यात्रा करने के लिए उचित मार्गों की सूचना उपलब्ध है।

वृद्धावस्था और अपंगों के लिए सुविधाएं: मंदिर में वृद्धावस्था और अपंग श्रद्धालुओं के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध हैं।

वे विश्राम कर सकते हैं और पूजा के लिए विशेष व्यवस्थाएं हैं जो उन्हें आसानी से सम्मानित करती हैं।

खाटू श्याम मंदिर में आयोजित मेले और उत्सव

खाटू श्याम मंदिर एक ऐसा पवित्र स्थान है जहां विभिन्न आयोजन, मेले और उत्सव आयोजित किए जाते हैं। 

यहां श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आनंद का मज़ा लेने का अवसर मिलता है। निम्नलिखित हैं कुछ प्रमुख मेले और उत्सव जो खाटू श्याम मंदिर में आयोजित होते हैं:

श्याम महोत्सव: श्याम महोत्सव खाटू श्याम मंदिर का सबसे प्रमुख उत्सव है।

यह पूरे धार्मिक कैलेंडर में धूमधाम से मनाया जाता है।

इस महोत्सव के दौरान भक्तों का भीड़ बहुत अधिक होती है और विभिन्न आराधना, भजन संध्या, कवि सम्मेलन और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी: खाटू श्याम मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। 

इस उत्सव के दौरान भक्तों द्वारा मंदिर में श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना की जाती है और विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं।

फाल्गुन मेला: फाल्गुन मास में खाटू श्याम मंदिर में एक विशेष मेला आयोजित होता है। इस मेले में भक्तों का आगमन बहुत अधिक होता है और विभिन्न वाणी गोष्ठियां, कवि सम्मेलन और धार्मिक उपन्यास आयोजित किए जाते हैं।

श्रीकृष्ण जयंती: श्रीकृष्ण जयंती खाटू श्याम मंदिर में धूमधाम से मनाई जाती है। इस अवसर पर मंदिर में श्रीकृष्ण की पूजा, भजन संध्या, आरती और धार्मिक कार्यक्रम होते हैं।

ये उत्सव और मेले खाटू श्याम मंदिर के महानत्वपूर्ण हिस्से हैं जो भक्तों को आत्मीयता, आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक आनंद का अनुभव कराते हैं।

प्रसिद्ध पूजारियों और अनुयायों की कथाएं

खाटू श्याम मंदिर एक ऐसा स्थान है जहां प्रसिद्ध पूजारियों और भक्तों की कथाएं अत्यंत महत्त्वपूर्ण हैं। निम्नलिखित हैं कुछ प्रसिद्ध पूजारियों और उनकी कथाएं:

महान अध्यात्मिक संत बाबा श्यामदास जी: महान अध्यात्मिक संत बाबा श्यामदास जी खाटू श्याम मंदिर के प्रमुख पूजारी रहे हैं। 

उनकी कथा में उनके आध्यात्मिक अनुभव, अद्भुत चमत्कार और भक्ति भरी जीवन गाथा होती है। 

उनकी अद्भुत कथाएं और ग्यान से युक्त समझावट श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक नजरिये से उजागर करती हैं।

श्री नंद किशोर जी: एक और प्रमुख पूजारी हैं श्री नंद किशोर जी, जिन्होंने अपने दिल से खाटू श्याम भगवान की सेवा की है। 

उनकी कथाएं उनके प्रेम और समर्पण की अद्भुत कहानी हैं। उनके द्वारा सुनाई गई कथाएं भक्तों को उत्साहित करती हैं और उन्हें आध्यात्मिकता की ओर प्रवृत्त करती हैं।

श्री भोजराज दास जी: श्री भोजराज दास जी भी खाटू श्याम मंदिर के प्रमुख पूजारी रहे हैं। 

उन्हें अपनी भक्ति और प्रेम भरी कथाएं सुनाने का अद्वितीय तरीका मालूम होता है। उनकी कथाएं श्रद्धालुओं के मन को आत्मिक अनुभव से परिचित कराती हैं।

इन प्रसिद्ध पूजारियों की कथाएं और उनकी ग्यानवर्धक बातचीत खाटू श्याम मंदिर के आगमन को आध्यात्मिकता और शांति से भर देती हैं। 

ये पूजारी भक्तों के द्वारा अपनी आदर्श जीवन जीने का प्रेरणा स्रोत हैं।

मंदिर के आस-पास स्थानीय आकर्षण

खाटू श्याम मंदिर एक ऐसा स्थान है जहां पूजारी के अलावा आस-पास कई स्थानीय आकर्षण भी हैं। यहां निम्नलिखित हैं कुछ मंदिर के आस-पास के प्रमुख स्थानीय आकर्षण:

खाटू श्याम जी का टेंपल गेट: यह टेंपल गेट मंदिर के प्रवेश द्वार पर स्थित है और इसे खाटू श्याम जी की प्रतिष्ठा को बढ़ाने के लिए निर्मित किया गया है। 

इस टेंपल गट पर विभिन्न धार्मिक प्रतिमाएं, छप्पर और आरामदायक स्थान हैं जहां श्रद्धालु धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।

काली माता मंदिर: खाटू श्याम मंदिर के पास स्थित होने वाला काली माता मंदिर एक और प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। 

यहां काली माता की पूजा की जाती है और भक्तों का ध्यान आकर्षित करने के लिए आरतियाँ और भजन-कीर्तन कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

खाटू तालाब: मंदिर से थोड़ी दूरी पर स्थित खाटू तालाब भी एक प्रमुख आकर्षण है।

यह तालाब श्रद्धालुओं के लिए मनोरंजन और विश्राम का एक सुंदर स्थान है। लोग यहां बैठकर तालाब की सुंदरता का आनंद लेते हैं और आत्मीयता से ध्यान लगाते हैं।

खाटू श्याम उद्यान: खाटू श्याम मंदिर के पास स्थित उद्यान एक आकर्षक स्थान है जहां आप विश्राम कर सकते हैं

और ध्यान का आनंद ले सकते हैं। इस उद्यान में पेड़-पौधों की सुंदरता और शांति आपको आकर्षित करेगी।

खाटू श्याम बाजार: मंदिर के आस-पास की सड़कों पर स्थित खाटू श्याम बाजार भी एक आकर्षण स्थल है। 

यहां परंपरागत उत्पाद, धार्मिक आभूषण, पूजा सामग्री और स्थानीय वस्त्रों की विविधता उपलब्ध होती है।

खाटू श्याम बाजार भक्तों को खासा पसंद आता है और वहां संग्रहित स्थानीय आर्टिकल्स लेने का आनंद लेते हैं।

मंदिर के आस-पास स्थितियाँ और यात्रा का प्रबंधन

खाटू श्याम मंदिर पर्यावरण प्राकृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत प्रभावशाली है। यह मंदिर राजस्थान राज्य के सिखर जिले के खाटू गांव में स्थित है,

जो जयपुर से लगभग 80 किलोमीटर (Km) दूर है।

इस मंदिर के आस-पास कई प्रमुख स्थान और आकर्षण हैं जो यात्रियों को आकर्षित करते हैं। 

यहां कुछ महत्त्वपूर्ण स्थानों का उल्लेख किया गया है:

खाटू गांव: खाटू श्याम मंदिर का स्थानीय गांव खाटू यात्रियों के लिए एक प्रमुख स्थान है। 

यह गांव परंपरागत राजस्थानी संस्कृति, वास्तुकला और स्थानीय जीवनशैली को प्रदर्शित करता है।

यहां यात्रियों को स्थानीय वस्त्र और हाथी राइड का आनंद लेने का अवसर मिलता है।

खाटू झील: यह झील मंदिर के पास स्थित है और यात्रियों को एक शांतिपूर्ण और प्राकृतिक वातावरण में आनंद लेने का मौका देती है। 

यहां यात्री नौका चढ़ाकर झील की सुंदरता का आनंद ले सकते हैं।

बराहीदां गणेश मंदिर: इस मंदिर का स्थान खाटू मंदिर से कुछ किलोमीटर दूर है।

यहां यात्री भगवान गणेश की पूजा और अर्चना करते हैं और उनकी कृपा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

सालासर बालाजी मंदिर: यह मंदिर खाटू मंदिर से कुछ किलोमीटर दूर स्थित है और इसे सालासर धाम भी कहा जाता है। 

यह मंदिर श्री हनुमान जी को समर्पित है और इसे भक्तों के बीच एक प्रमुख धार्मिक स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है।

यात्रा का प्रबंधन खाटू श्याम मंदिर में अच्छी तरह से किया जाता है। 

मंदिर के पास पार्किंग सुविधाएं, आरामदायक आवास और प्रसाद की व्यवस्था होती है। 

स्थानीय प्रशासन और मंदिर प्रबंधन संगठन द्वारा यात्री सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाता है। 

यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का आनंद लेने के लिए विभिन्न सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।

इस प्रकार, खाटू श्याम मंदिर के आस-पास के स्थान और यात्रा का प्रबंधन यात्रियों को आकर्षित करते हैं

और उन्हें धार्मिकता और आध्यात्मिकता का एक अनोखा अनुभव प्रदान करते हैं। 

यदि आप इस स्थान की यात्रा पर जाते हैं, तो आपको यहां की सुंदरता, शांति और आध्यात्मिक महत्त्व का अनुभव करने का अवसर मिलेगा।

इन स्थानों के आस-पास स्थित होने के कारण, खाटू श्याम मंदिर पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है।

निष्कर्ष (Conclusion)

खाटू श्याम मंदिर हिंदुओं के लिए एक पवित्र स्थान है जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक और धार्मिक आनंद का अनुभव कराता है। 

यह स्थान श्री श्याम बाबा को समर्पित है, जिन्हें खाटू नाम से भी जाना जाता है। 

इस मंदिर का इतिहास, महत्त्वपूर्ण विशेषताएं, पूजारियों की कथाएं, मेले और उत्सव, आस-पास के स्थानीय आकर्षण और धार्मिक यात्रा का महत्त्व सभी यहां बताए गए हैं। 

खाटू श्याम मंदिर की यात्रा श्रद्धालुओं को आत्मानुभव, धार्मिक शिक्षा, संयम और समर्पण का अद्वितीय अनुभव प्रदान करती है। 

इसलिए, आप भी खाटू श्याम मंदिर की यात्रा पर जाकर इस आध्यात्मिक और प्राचीन स्थल का आनंद ले सकते हैं।


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